बीकानेर, 6 जुलाई 2025।
हमारा बीकानेर न्यूज़। अगर आप बीकानेर में प्लॉट या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो सावधान हो जाएं। रेरा (RERA – Real Estate Regulatory Authority) में रजिस्टर्ड कॉलोनियों में ही निवेश करें, वरना ठगी का शिकार हो सकते हैं। वर्तमान में बीकानेर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्वीकृत 228 निजी कॉलोनियों में से केवल 49 कॉलोनियां ही रेरा में रजिस्टर्ड हैं, बाकी 179 कॉलोनियां अब भी रजिस्ट्रेशन से बाहर हैं।
रेरा क्या है और क्यों ज़रूरी है?
रेरा अधिनियम 2016 के तहत 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाली, या 8 से ज्यादा फ्लैट्स वाली सभी परियोजनाओं को रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन से प्रोजेक्ट में पारदर्शिता आती है, खरीदार का पैसा एक अलग एस्क्रो खाते में सुरक्षित रहता है और निर्माण कार्य समय पर पूरा करने की बाध्यता होती है। यदि कोई फर्म नियमों का पालन नहीं करती है, तो रेरा उसके खिलाफ जुर्माना और सख्त कार्रवाई कर सकता है।
बीकानेर में कॉलोनियों की स्थिति
बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) की रिपोर्ट के अनुसार, बीकानेर में धारा 90-A के तहत 102 कॉलोनियों और 90-B के तहत 228 कॉलोनियों को स्वीकृति मिली है। लेकिन इनमें से अधिकांश कॉलोनाइजर बीडीए और यूआईटी की निर्धारित शर्तें पूरी नहीं करते और बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के ही भूखंड बेचते हैं।
सस्ते प्लॉट के चक्कर में लोग हो रहे ठगी का शिकार
बीकानेर में चकगर्मी, सर्वोदय नगर, सुजानदेसर जैसे इलाकों में हाल ही में कई कॉलोनियों में कब्जे खाली कराए गए क्योंकि वे अवैध रूप से विकसित थीं। लोग सस्ते प्लॉट खरीदकर मकान बना लेते हैं, लेकिन बाद में न तो सीवरेज, न सड़क, न बिजली मिलती है और न ही कानूनी सुरक्षा।
120 से अधिक कॉलोनियां पूरी तरह बसी, लेकिन सुविधाओं से वंचित
शहर में करीब 120 कॉलोनियां ऐसी हैं जहां लोग बस चुके हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, सीवरेज, पानी की पाइपलाइन तक नहीं है। कॉलोनाइजर ने वादे तो किए, लेकिन पूरे नहीं किए। लोग अब बीडीए और नगर निगम को दोष देते हैं, जबकि ज़िम्मेदारी कॉलोनाइजर की होती है।
BDA सचिव का बयान
बीकानेर विकास प्राधिकरण के सचिव कुलराज मीणा ने कहा कि कई निजी कॉलोनियों में विकास कार्य नहीं हुए हैं और कुछ भूमि बीडीए के पास है। इन जमीनों की नीलामी कराकर विकास कार्य करवाए जाएंगे। साथ ही लोगों को रेरा के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि वे फर्जीवाड़े से बच सकें।
रेरा रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट से आपको क्या फायदे मिलते हैं?
- प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी रेरा वेबसाइट पर पारदर्शिता से उपलब्ध रहती है।
- 70% राशि एस्क्रो अकाउंट में जमा रहती है, जिससे आपका पैसा सुरक्षित रहता है।
- समय पर निर्माण पूरा करना डेवलपर की बाध्यता होती है।
- खरीदार और डेवलपर के बीच एक मानक एग्रीमेंट होता है जिससे कोई भ्रम नहीं रहता।
- समय पर काम पूरा न करने पर रेरा कार्रवाई कर सकता है।
- रजिस्ट्रेशन न होने पर भी अधिनियम की धारा 59(1) के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्या करें यदि जमीन या मकान खरीदना है?
- सबसे पहले राजस्थान रेरा की वेबसाइट https://rera.rajasthan.gov.in पर जाकर जांचें कि कॉलोनी या प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड है या नहीं।
- रजिस्टर्ड कॉलोनियों में ही निवेश करें।
- गैर रजिस्टर्ड कॉलोनाइजर से खरीदने पर कानूनी कार्रवाई लंबी और जटिल हो सकती है।
- शिकायत करने के लिए रेरा की वेबसाइट पर ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध है।
निष्कर्ष:
अगर आप प्लॉट या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो केवल रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं में ही निवेश करें। रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में पारदर्शिता, सुरक्षा और समय पर काम की गारंटी मिलती है, जिससे भविष्य में कानूनी और आर्थिक संकट से बचा जा सकता है.