बीकानेर। जब मन में भक्ति की भावना हो और इरादे मजबूत हों, तो कोई भी दूरी मुश्किल नहीं होती। बीकानेर के युवा ईशांत भाटी ने अपनी श्रद्धा और समर्पण से इस बात को सच कर दिखाया है। 23 जून को हरिद्वार से शुरू हुई उनकी कांवड़ यात्रा अब बीकानेरवासियों के लिए भक्ति और प्रेरणा का प्रतीक बन गई है।
पुरानी गिन्नाणी निवासी ईशांत भाटी, जो श्री भवानी शंकर भाटी के पुत्र हैं, हरिद्वार से 11 लीटर पवित्र गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर बीकानेर की ओर पैदल यात्रा पर निकले हैं। वे प्रतिदिन लगभग 30 से 35 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। इस कठिन यात्रा का उद्देश्य सावन मास में भगवान महादेव को पवित्र जल अर्पित करना है।
ईशांत के पिता ने बताया कि यह गंगाजल बीकानेर पहुंचने के बाद विजय भवन परिसर स्थित शिव मंदिर में भगवान महादेव को अर्पित किया जाएगा, जहां 23 जुलाई को सहस्त्रधार अभिषेक और विशेष पूजन का आयोजन होगा। इस आध्यात्मिक पदयात्रा में ईशांत अकेले पदयात्री हैं, लेकिन सेवा भाव से उनके साथ उनके मित्र मंडली ओर रिश्तेदार भी पैदल चल रहे हैं।
सोमवार तक ईशांत लगभग 600 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके थे और डूंगरगढ़ तक पहुंच गए हैं। अब उनका अंतिम पड़ाव बीकानेर की ओर बढ़ रहा है। यह यात्रा केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि आस्था, साहस और सेवा का प्रतीक बन चुकी है।
सावन मास में भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करने की परंपरा अत्यंत पवित्र मानी जाती है। इसी भाव से प्रेरित होकर ईशांत भाटी ने यह यात्रा शुरू की है। यह यात्रा न केवल शिवभक्ति की मिसाल है, बल्कि युवाओं को अपने धर्म और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा भी देती है। बीकानेरवासियों को अब इस पावन गंगाजल से होने वाले महा-अभिषेक का बेसब्री से इंतजार है।