युगों-युगों में जन्म लेते हैं संतजी जैसे विरले पुरुष : क्षमारामजी महाराज
नोखा। युगों-युगों में ही ऐसे विरले पुरुष जन्म लेते हैं जो समाज व देश को अपना जीवन समर्पित कर देते हैं। ऐसे ही ब्रह्मलीन संत श्री दुलारामजी कुलरिया जिन्होंने गौसेवा के क्षेत्र में देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई और आज उनके सुपुत्रों भंवर नरसी पूनम कुलरिया ने सेवा कार्यों में देश का गौरव बढ़ाया है। यह आशीर्वचन सींथल पीठाधीश्वर 1008 श्री क्षमारामजी महाराज ने नोखा मूलवास सीलवा में 6 अगस्त 2025, बुधवार को ब्रह्मलीन संत श्री दुलारामजी कुलरिया की दसवीं पुण्यतिथि पर व्यक्त किए। श्री क्षमारामजी महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति दान-धर्म-पुण्य के कार्य करता है वह स्वयं के लिए तथा आने वाली पीढिय़ों के लिए समृद्धि के द्वार खोल देता है। ब्रह्मलीन संत श्री दुलारामजी कुलरिया की दसवीं पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि एवं भजन संध्या समारोह में पदमश्री प्रहलाद सिंह टिपानिया व प्रकाश माली द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। श्रीबालाजी धाम के पीठाधीश्वर आचार्य श्री बजरंगदासजी महाराज ने आशीर्वचन में कहा कि भक्ति में शक्ति होती है। प्रभु श्रीराम ने मर्यादा और भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म प्रधान का संदेश देते हुए मानव मात्र को धर्म के मार्ग पर चलने की सीख दी है। संत श्री सुखदेवजी महाराज कुचेरा ने भजनों के माध्यम से आशीर्वचन प्रदान किया। कार्यक्रम में उगमाराम, मघाराम, कानाराम, भूराराम, शंकर, चीमाराम, धर्म, दीपक, सुखदेव, लालचंद, अशोक, जय, राजेश, नरेन्द्र, गोपीकिशन, जगदीश, मोहित, जनक, अभिषेक, जयंत, तनय, दिव्यंत, कृशिव, शिवम एवं समस्त कुलरिया परिवार ने अतिथियों का अभिनंदन किया।
*समर्पण और सेवा ही राष्ट्रभक्ति का श्रेष्ठ माध्यम : निम्बाराम*
ब्रह्मलीन संत श्री दुलारामजी कुलरिया की दसवीं पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि एवं भजन संध्या समारोह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निम्बारामजी ने कहा कि भामाशाह नरसी कुलरिया द्वारा निरन्तर किए जा रहे सेवा कार्य उनकी राष्ट्र के प्रति भक्ति को दर्शाता है। क्षेत्र प्रचारक निम्बारामजी ने कहा कि जो नागरिक अपने देश के प्रति अपने कर्तव्य निभाता है, जो देश के विकास और समृद्धि के लिए समर्पित रहता है वही देश का सच्चा सपूत कहलाता है। सक्षम नागपुर के राष्ट्रीय संगठन मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रामदेवरा में आयोजित 33 दिवसीय नेत्रकुम्भ शिविर में भामाशाह नरसी कुलरिया ने 51 लाख रुपए की राशि समर्पित करते हुए लाखों लोगों को नेत्र रोशनी दिलाने में सहायक बने हैं।
*प्रदेशभर में हुआ पौधरोपण, रक्तदान कर अर्पित की श्रद्धांजलि*
आयोजन से जुड़े प्रेम कुलरिया ने बताया कि ब्रह्मलीन संत श्री दुलारामजी कुलरिया की दसवीं पुण्यतिथि पर प्रदेशभर में पौधरोपण के आयोजन किए गए। विशेष रूप से बीकानेर, नोखा, नागौर, बाड़मेर, श्रीबालाजी, जोधपुर, रामदेवरा, जैसलमेर, कोलायत सहित अनेक स्थानों पर पौधरोपण किए गए। सेवा के इसी क्रम में संत श्री दुलाराम कुलरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉ. लेखराम के नेतृत्व में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। प्रदेशभर की विभिन्न गौशालाओं में गौसेवा के कार्य किए गए।