बीकानेर। भीनासर गोचर भूमि से जुड़े मुद्दों को लेकर भीनासर गोचर संरक्षण समिति का धरना-प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि गोचर भूमि पर लंबे समय से अवैध कब्जे, गंदे पानी से घास की खेती और पेड़ों की कटाई जैसे कार्य हो रहे हैं, जिससे गौवंश एवं पर्यावरण दोनों को खतरा है।
समिति के अनुसार, गोचर भूमि के कई हिस्सों पर अनधिकृत लोगों द्वारा बाड़ाबंदी कर कब्जा किया गया है, जिससे गौवंश का स्वतंत्र विचरण बाधित हो गया है। साथ ही लगभग 50 बीघा क्षेत्र में *नॉन-ट्रीटेड* (गंदे) पानी से घास उगाई जा रही है, जिसमें हानिकारक तत्व पाए जाते हैं। समिति का कहना है कि यह घास गौवंश के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि भू-माफियाओं द्वारा गोचर भूमि पर बेर, खींप, बुई, गठिया, सीनिया जैसे स्थानीय मरुस्थलीय पेड़ों की कटाई की जा रही है। उनका कहना है कि पिछले एक वर्ष से यह गतिविधियां लगातार जारी हैं और कई बार उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद प्रशासन एवं पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
धरने में समिति से जुड़े गोपाल जी कुम्हार, हेमंत कातेला, कालूराम जी लखेसर, हेतराम जी डूडी, बाबूलाल जी मेघवाल, श्यामसुंदर पंचारिया, विजू जी पंचारिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। इस दौरान महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही।